जागेश्वर धाम में भड़के सांसद धर्मेंद्र कश्यप का वीडियो वायरल
कपाट बंद होने के समय पहुंचे, जबरन दर्शन करने की कोशिश की तो हुआ विवाद
भीड़ ने किया विरोध तो चुपचाप निकले, प्रबंधक पर ही लगाया बदसलूकी का आरोप ,
भगवान शिव के पावन धाम जागेश्वर में दर्शन करने गए आंवला के भाजपा सांसद धर्मेंद्र कश्यप वीआईपी आवभगत न होने पर इतना भड़के कि मंदिर प्रबंधन कमेटी के लोगों के साथ गालीगलौज कर बैठे। प्रबंधक भगवान भट्ट के साथ भी उन्होंने धक्का-मुक्की की लेकिन जब भीड़ इकट्ठी हुई तो चुपचाप वहां से निकल गए। धर्मेंद्र कश्यप की गालीगलौज का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है
जागेश्वर धाम के कपाट संध्याकालीन आरती के बाद रोज शाम छह बजे बंद कर दिए जाते हैं और फिर अगले दिन सुबह ही खुलते हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शनिवार को शाम करीब छह बजे भाजपा सांसद धर्मेंद्र कश्यप कुछ समर्थकों के साथ मंदिर पहुंचे। कपाट बंद होने की तैयारी होती देख वह भड़क गए और प्रबंधन कमेटी के लोगों से भाजपा का सांसद होने की धौंस जमाते हुए कपाट खोलने की बात कही। मंदिर प्रबंधक समिति के प्रबंधक भगवान भट्ट ने धार्मिक मान्यताओं का हवाला देते हुए ऐसा करने से इनकार कर दिया तो आपे से बाहर हुए सांसद ने गालीगलौज के साथ भगवान भट्ट से हाथापाई शुरू कर दी।
धक्का-मुक्की के साथ शोर-शराबा होने पर मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। लोगों ने सांसद के बर्ताव का विरोध करना शुरू कर दिया तो धर्मेंद्र कश्यप चुपचाप वहां से निकल गए। मंदिर समिति के प्रबंधक भगवान भट्ट और स्टाफ ने इसकी जानकारी भनोली की एसडीएम मोनिका को दी। एसडीएम ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है जिसका ब्योरा मंगाया जा रहा है। डीएम नितिन सिंह भदौरिया को भी अवगत करा दिया गया है।
सफाई : प्रबंधक ने दी थी गाली,
सांसद ने जवाब दिया
सांसद धर्मेेंद्र कश्यप के मीडिया प्रभारी राहुल कश्यप का कहना है कि सांसद दर्शन करने गए थे। वहां भक्तों से दर्शन कराने के लिए एक हजार रुपये की वसूली हो रही थी। सांसद से भी पैसे मांगे गए तो उन्होंने मना कर दिया और दर्शन करने आगे बढ़ गए। इसी पर मंदिर प्रबंधक ने गाली देना शुरू कर दिया। इसी पर उन्होंने पलटकर जवाब दिया।
सांसद के खिलाफ हो कार्रवाई
हल्द्वानी। हिंदू महासभा के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल का कहना है कि जागेश्वर जैसे पवित्र धाम में अभद्रता करना अशोभनीय है। यदि प्रशासन ने जांच कर कथित सांसद के खिलाफ धार्मिक भावना आहत करने के आरोप में मुकदमा दर्ज नहीं किया तो महासभा सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होगी।