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रायबरेली:- उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉक डाउन लगाने के बाद 20 मई के बाद से सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों में राशन मुफ्त में वितरण करने की घोषणा की है। आदेश के बाद सरकारी राशन की दुकानों में मुफ्त राशन लेने वालों की लाइन सरकारी राशन की दुकानों पर देखी जा सकती है।

नया पुरवा के कोटेदार योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 2 महीने का आदेश हुआ है। इसके बाद जैसे कोई नया आदेश आएगा उसी के आधार पर राशन वितरण किया जाएगा। सरकार के इस मुफ्त राशन व्यवस्था से जहां दो वक्त की रोटी रोजी के लिए तरस रहे लोगों को भारी राहत मिली है।

वहीं लोग अपना राशन लेने के लिए सरकारी दुकानों पर खड़े नजर आ रहे हैं । सोशल डिस्टेंस और कोरोना गाइडलाइन का भरपूर पालन करते हुए सरकारी राशन की दुकानों में कोटेदार कार्ड धारकों को राशन वितरण करने में लगे हुए हैं।

राशन वितरण प्रणाली पूरी तरह पारदर्शी

यूपी की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) अब पूरी तरह से पारदर्शी हो गई है। यूपी (UP) देश में पहला राज्य बन गया गया है जहां पर 99 फीसदी से अधिक लाभार्थियों को बायोमेट्रिक पहचान के जरिए राशन (Ration) मिलने लगा है।

14.60 करोड़ लाभार्थियों को सौ फीसदी पारदर्शी डिजिटल प्रोसेस के जरिए अनाज 

राशन वितरण प्रणाली को दुरुस्त बनाने में उत्तर प्रदेश की कामयाबी की कहानी आश्चर्यजनक लगती है। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 (एनएफएसए) के तहत पीडीएस के 14.60 करोड़ लाभार्थियों को 100 फीसद पारदर्शी डिजिटल प्रोसेस के जरिए अनाज मिलने लगा है।

केंद्र सरकार करती है दो लाख करोड़ रुपये खर्च

रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश के बाद हरियाणा, महाराष्ट्र और राजस्थान में भी बायोमेट्रिक पहचान के जरिए करीब 99 फीसदी लाभार्थियों को राशन मिलने लगा है। मोदी सरकार एनएफएसए (NFSA) के लाभार्थियों को सस्ती दरों पर राशन मुहैया करवाने के लिए हर साल करीब दो लाख करोड़ रुपये खर्च करती है।

भ्रष्टाचार और घपलों के मामलों की लिस्ट में पहले स्थान पर था यूपी

उत्तर प्रदेश 2019 तक पीडीएस से जुड़े भ्रष्टाचार और घपलों के मामलों की लिस्ट में पहले स्थान पर था जहां 328 मामले थे जबकि इस फेहरिस्त में दूसरे नंबर पर बिहार में 108 मामले थे।

-रायबरेली से विपिन कुमार की रिपोर्ट

 


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