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पुरुष द्वारा कानूनी रूप से विवाहित पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं आता।’ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने यह फैसला सुनाते हुए पत्नी द्वारा दर्द FIR को रद्द कर दिया। दरअसल, शख्स की पत्नी ने अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाते हुए एक एफआईआर दर्ज की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। अदालत ने तर्क दिया कि कानून के हिसाब से यह अपराध नहीं है क्योंकि पत्नी अपने पति से विवाहित थी।

कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?

न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया की एकल पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ‘कानूनी रूप से विवाहित पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध आईपीसी की धारा 377 के तहत अपराध नहीं है। इस पर और अधिक विचार-विमर्श की आवश्यकता नहीं है कि क्या एफआईआर तुच्छ आरोपों के आधार पर दर्ज की गई थी या नहीं।’ फैसले में कहा गया है कि अगर एक वैध पत्नी विवाह के दौरा अपने पति के साथ रह रही है तो किसी पुरुष द्वारा अपनी ही पत्नी के साथ, जो कि 15 वर्ष से कम न हो के साथ कोई यौन संभोग दुष्कर्म नहीं माना जा सकता।

क्या है मामला?

मध्य प्रदेश के जबलपुर के मनीष साहू ने याचिका दायर कर बताया था कि पत्नी के उसके खिलाफ नरसिंहपुर में 24 अगस्त, 2022 को एक FIR दर्ज कराई है। शिकायत में पत्नी ने बताया था कि जब वह 2019 में शादी के बाद दूसरी बार अपने ससुराल गई थी तब पति ने उसके साथ आप्राकृतिक यौन संबंध बनाया था। इसके बाद उसने कई बार ऐसा किया। पति ने किसी को बताने पर पत्नी को तलाक की भी धमकी दी थी। इसी पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि कानूनी रूप से विवाहित पत्नी के साथ आप्राकृतिक यौन संबंध आईपीसी की धारा 377 के तहत अपराध नहीं है।

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