बरेली: संयुक्त ईसाई महासंगठन के बैनर तले ईसाई समाज ने जिलाधिकारी, उपअधिकारी व जिला अल्पसंख्यकधिकारी को अवगत कराया है कि शहर में ईसाई समाज के दो ही कब्रिस्तान है जोकि वर्षों पहले ही भर चुके हैं। इस वजह से लोगों को कब्र के ऊपर कब्र खोदकर शवों को दफनाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। ईसाई समाज शासन प्रशासन से गुहार लगाता है कि कब्रिस्तान के लिए नयी जगह की भूमि आबंटित की जाए। ताकि वह अपने शवों का विधिवत अंतिम संस्कार कर सकें।
संयुक्त ईसाई महासंगठन के पदाधिकारी साइमन प्रसाद ने बताया कि उन लोगों में जब कोई मर जाता है तो उसको दफनाने में काफी परेशानी होती है। शहर में ईसाई समाज के केवल दो ही कब्रिस्तान बने हुए हैं, जिसमें एक कुदेशिया फाटक व दूसरा सदर गोरा कब्रिस्तान हैं। दोनों ही कब्रिस्तान वर्षों पूर्व ही भर चुके है। वह लोग मजबूरी में कब्र के ऊपर कब्र खोदकर शवों को दफन करने के लिए ईसाई समाज मजबूर है। उन्होंने इस गंभीर समस्या को लेकर जिला अल्पसंख्यक कल्याण नी अधिकारी योगेश पाण्डेय को भी अवगत कराया एंव साथ ही साथ जिला कल्याण अधिकारी की तरफ से उपजिलाधिकारी को इस समस्या को लेकर पत्र प्रेषित किया गया है। जिसमे शामिल पादरी दिलिप ग्लेडविन, रविंद्र दयाल, पादरी अमित, पादरी आशीष मैसी, पादरी सुमन वर्ज, पादरी संजय मसीह, पादरी जागन लाल पादरी संजय पोल पास्टर प्रल्हाद आदि ने अपनी समस्याओं से अवगत कराया।
-रिपोर्ट रविंदर सिंह